Archive | जनवरी 2012
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जागे हुए लोग
न जाने किस डर से ईश्वर की नींद टूट गई. पति को पसीना–पसीना देख ईश्वर पत्नी ने पूछा— ‘क्या हुआ प्रिय!’ ईश्वर की धड़कनें तेज थीं. एकाएक कुछ बोल न पाया. पत्नी ने दुबारा वही प्रश्न किया तो डरा–घबराया बोला— ‘मैंने सपने में देखा, बहुत सारे लोग, भूख, नंगे, नरकंकाल की तरह मेरी ओर दौड़े […]
कलयुग का दर्पीला राजा
कहानी आर्यवृत्त की है. वहां कलयुग के राजा ने आलीशान महल बनवाया. सागर तट पर बनी उस 27 मंजिला इमारत में सैकड़ों कमरे थे. महल में सोने के प्रस्तर थे, चांदी की छड़ें. महंगे आयातित कालीन. झाड़–फानूस, रंगीन लाइटें. आयातित मार्बल से बने स्नानगृह, आसमान की थाह मापने के लिए चार–चार उड़नखटोले. इमारत तैयार होने […]
अफीम
कुछ आदमियों की देखादेखी सियार ने भी ‘भगवान’ बनने की सोची. उसने बकरियों को इकटठा किया और प्रवचन करने लगा. कुछ ही देर में दर्जनों बकरियां वहां जमा हो गईं. सियार जो सुनकर गया था उसी को दोहराने लगा— ‘यह काया मिट्टी की है. इसका मोह कभी मत करना. इससे किसी का उपकार हो तो […]
भिखारी और ईश्वर
एक भिखारी हाथ में रोटी लिए मंदिर के द्वार पर पहुंचा और उसकी सीढ़ियों पर बैठकर खाने लगा. सहसा पीछे आहट हुई. भिखारी ने गर्दन घुमाई, देखा—ईश्वर है. भिखारी रोटी खाने में जुट गया. ‘तुम मेरे नाम पर रोटी मांगकर लाए हो, मुझसे पूछोगे नहीं?’ ईश्वर का स्वर शिकायती था. ‘पूरे दिन पुजारी तुम्हारे नाम […]
नींद
मुंह अंधेरे चक्की की घरघराहट सुन ईश्वर की नींद उचट गई— ‘ऊंह! दिन–भर घंटों की आवाज और रात को चक्की की घर्र–घर्र, लोग सोने तक ही नहीं देते, लगता है पागल हो जाऊंगा!’ ईश्वर बड़बड़ाया और उठकर आवाज की दिशा में बढ़ गया. एक झोपड़ी के आगे वह रुका. दरवाजा खड़खड़ाने जा रहा था कि […]
निष्कासन
वह दुनिया का शायद इकलौता गांव था. जहां न कोई छोटा था, न बड़ा. सब अपनी मेहनत का खाते. मिल–जुलकर रहते. सुख में साझा करते, दुख में साथ निभाते. वहां जो भी था, सबका था. जो नहीं था, वह किसी के भी पास नहीं था. एक दिन गांव में एक तिलकधारी आया— ‘मैं तुम्हें ईश्वर […]
2011 in review
The WordPress.com stats helper monkeys prepared a 2011 annual report for this blog. Here’s an excerpt: A New York City subway train holds 1,200 people. This blog was viewed about 4,700 times in 2011. If it were a NYC subway train, it would take about 4 trips to carry that many people. Click here to […]
आराधक
रोटी के लिए दर–दर भटकने वाले बीमार–खजेडे़, आवारा कुत्ते से पूछा मैंने–देखा है ईश्वर को कभी? हां, बोला वह बडे़ जोश से होता है वह अलशेसियन–सा प्यारा, खूबसूरत, सदा जवान चालाक और फुर्तीला बुद्धिमान ओर ताकतवर बेहद वफादार भी न बहुत मोटा न पतला न बहुत नाटा न ऊंचा सीपी–सा गोल–मटोल चमकदार आंखों वाला छरहरा […]