Archive | मई 2009
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तरकीब
कुत्ता राजधानी पहुंचा और बस्ती की ओर निकल गया जहां नेता ही नेता रहते थे. उस समय वह चौड़ी- सुनसान सड़क पर खड़ा था. चारों ओर बंगले थे. कुत्ते को वहां की शांति कुछ अजीब-सी लगी. वह देर तक सड़क के बीचोंबीच खड़ा रहा. गाड़ियां आतीं, मगर बिना रुके सरसराती हुईं, चली जातीं. खड़े-खड़े उसको […]
स्वास्थ्य प्रशिक्षक
दो खबरें साथ–साथ आईं थीं. पहली यह कि शहर में मोटापा बढ़ रहा है. दूसरी चौंकाने वाली सूचना यह थी कि डा॓क्टर लोग अपने मरीजों को कुत्ता पालने की सलाह देने लगे हैं. ‘वह क्यों?’ सड़कछाप कुत्ते ने सुनते ही सवाल दागा. ‘इसलिए कि आलसी और मोटे लोग कुत्ते को घुमाने के बहाने घर से […]
नशा
इधर भक्तगण आरती गा रहे थे, उधर ईश्वर मंदिर में झपकियां ले रहा था. यह दृश्य कुत्ते को बड़ा अजीब लगा. वह ईश्वर के पास पहुंचकर जोर-जोर से भौंकने लगा. ईश्वर ने आंखें खोलीं. कुत्ता शिकायत दर्ज कराने लगा— ‘यह क्या प्रभु! उधर सैकड़ों भक्त आरती गा रहे हैं, पूजन-अर्चन में तरह-तरह के व्यंजन लुटा […]
ईश्वर – दो
भरे पेट कुत्ता मजे से जा रहा था कि ईश्वर से टकरा गया— ‘बहुत खुश नजर आ रहे हो, लगता है आज किसी मालदार भक्त ने भोग चढ़ाया है?’ ईश्वर को देखकर कुत्ते ने कटाक्ष किया. ‘हां, कुछ लोग कहते हैं कि मेरे भक्तों में बहुत-से धनवान हैं.’ ‘क्या आप नहीं मानते?’ ‘मुझे नहीं लगता […]
मुक्तिमंत्र
‘उन्हें देखो, उनका मालिक उन्हें रूखा-सूखा खाने को देता है. फिर भी अपने भार से ज्यादा बोझ पीठ पर लादे हुए वे कितनी तन्मयता से उसकी सेवा में जुटे हैं. जानते हो क्यों?’ घर छोड़ने पर उतारू कुत्ते को उसका मालिक समझा रहा था, सामने से गधों का दल आ रहा था, सबकी पीठ पर […]
आदमी
एक बुजुर्ग कुत्ता अपने साथियों को उपदेश दे रहा था- ’एक जमाना था जब कोई किसी का गुलाम न था. सभी कुत्ते मजे से घूमा करते थे. किसी को किसी का डर नहीं था. उसके बाद आदमी आया. अपनी हवस् में उसने पहले धरती को बांटा. फिर ऊंची-ऊंची इमारतें खड़ी कीं. और फिर हम जैसे […]
समझौता
भूख से व्याकुल कुत्ता भोजन की खोज में यहां से वहां भटक रहा था. उसको अपने पुराने मालिक की याद आ रही थी, जहां उसको भरपेट मिलता था. देखभाल के लिए नौकर था. मालिक उसको अपने साथ गाड़ी में घुमाने ले जाता था. ‘खुद को क्रांतिकारी समझ लेना, पागलपन की निशानी है. अगर में वहीं […]
पुजारी
गांव में सेठ ने एक मंदिर बनवाया और उसकी देखभाल के लिए एक पुजारी रख दिया. ‘सेठ बहुत दयालु हैं, उनकी आत्मा बड़ी पवित्र है…’ सेठ उस मंदिर में रोजाना पूजा के लिए आता. उसे देखते ही पुजारी कहने लगता—‘आपका प्रताप अक्षुण्ण रहे. लक्ष्मी जी की इतनी कृपा रहे कि कुबेर के खजाने की चमक […]
परिवर्तन
उदास मन से कुत्ता आगे बढ़ रहा था. उसको अपनी कुतिया की बहुत याद आ रही थी. ‘काश! इस समय वह भी यहां होती?’ तभी सामने से एक देवदूत आता दिखाई पड़ा. ‘एक यमदूत अभी–अभी एक कुतिया को लेकर आया है, बहुत ही प्यारी कुतिया है.’ कुत्ते के मन की बात समझकर देवदूत ने कहा. […]
निष्ठा
उस दिन बड़ी मुश्किल से जान बची. अब किसी गरीब के घर जाकर रहूंगा.’ कुत्ते ने चलते–चलते निर्णय लिया. गरीब की खोज में चलते–चलते वह एक झोपड़ी के सामने रुका. किसान की झोपड़ी थी वह. भीतर से झगड़े की आवाजें आ रही थी. ‘फसल आने में अभी छह महीने बाकी हैं, जबकि अनाज चार महीने से […]